बारे कती ही लू बाजे, पण आपा कदी काचा मकान अर् झुपा माय बड़ा तो बठे रो तापमान
कम लाधसी | इरो कारण म्हे जानबा रो परयास करयो | पेलीपोत आपा जद भी झुपा माय
बड़ा तो आपाने बठे घणी सारी मोरिया लाधसी अर् घनकरी बेला खिड़की बंद रेसी |
इब ओ तो स्पष्ट ह क पुन मोरिया मायकर आवे ह, पण इसो काई चमत्कार हुगयो क
बारे 45 degree री लू , मायने ठंडी हूगी | ओ इक सरल सो नियम ह बिज्ञान रो : throttle effect .
जद पुन इकसार pressure माथे, insulated मोरी माय कढ़े, तो बीरो तापमान कम होसी.
अठे मोरी जती लांबी, छोटी, अर् घणी होसी, तापमान बत्तो ही कम होसी.
आज रा पाका मकाना, माय भी आपा इ बिज्ञान रो परयोग कर सका, जरुरत ह चिनिक research री.
ओ पुरखा रो ज्ञान अबार रुळतो जावे ह !!!
aap theek farmaayo saa. aaj ri in balti laay me jhoopa ar mokha ri ghani jarut hai. badera ini jhoopa ar mokha re paan in balti looaa ri taas jhelta. pan aaj aapaa paka makanaa me rey ne in loo re aage goda tek diya hai.
ReplyDeleteघाणी चोखी जाणकारी दी।
ReplyDeleteजिण सामयिक खोजां सारु वैज्ञानिक पोथ्यां खंगालता निंगै आवै वै सगळी जानकारियां आपाणै बूढा बढेरा नै जबानी याद है । अर आपाणै संसक्रती में सदियां सूं वापरीजै ।
aap ne sahi likha hai hamare purkho ne jo intjam kiye wah vigyan sammat aur pramanik hai.
ReplyDeletegalti to aaj ki peedhi ki hai jo use nakar rahi hai aur inhi karno se dand bhi bhugat rahi hai
www.pachmel.blogspot.com
chokho likhyo hai.........badhai
ReplyDeletebhot badyai likhyo hai thank you Rajasthani Vaata
ReplyDeleteमाहिती सारु लखदाद हुकम,
ReplyDeleteआप साची बात करी, समै रै मुजब इण विग्यान पर थोड़ा रिसर्च री जरुरत छै अर साथै लेय’र आगै बधणौ है.