Saturday, January 8, 2011

हिवडे री भोभर, काया ने बाळे

"हिवडे री भोभर, काया ने  बाळे" ओ गीत सुण्यो |
आ कत्ती साची बात कही कबि |
घणी ही बाता  हिवडे  ने  रे-रे'र बाळे |
लाय तो पछ कम हुवे पण भोभर कदेइ राख कोण बने |
आपा इन भोभर रे सागे आखो  जीवन काढ देवा |
कोई पिसा री भोभर सागे राखे थो कोई जुनी राड री |
कोई प्रीत री, तो कोई पद री |
इण भोभर रो काई तो इलाज होसी ?

4 comments:

  1. घणी खम्मा !
    आछो लिखयों है . जे आज मिनख आप रो मिनख पणों बिसराव तो जावे है , ठा नी क्यों ?

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  2. hokam aap agar kathin shabda ro arth bhi hande batau to badi karipa hoveli

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  3. @Shekhar Kumawat
    भोभर -- ताती राख (e.g. जीमे बाटी सेका)
    राड -- conflict
    लाय -- fire
    जुनी -- old

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  4. bot hi aacho yagyeo thanre likhdiyoro

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