Tuesday, September 21, 2010

फुली बाई

अबार इया ही बात करता थका फुली बाई रो नाव सुण्यो | 
म्हे थो बा रे बारा म अत्तो जाणतो कोणी, जत्ती सूचना मने लादी
बत्ती अठे मांडु हु | थाने अरज ह के जदी थार कण और सूचना होवे थो मणे भिजावो |

फुली बाई जोधपुर कणे री राम-भगत  ही, बस राम-राम करती अर थेपडी थापती |
एकर बिरी थेपडीया एक लुगाई चुरा ली | जद फुली बाई न ठा चाल्यो, थो बे  बी लुगाई   कण गिया
अर केयो कि म्हारी   थेपडीया पाछी कर |  अत्तो सुनता ही बा लुगावडी फुली बाई हु लडबा लागी |
 जद लोग भेला हुग्या अर फुली बाई हु पुछ्यो  क
थाने किया ठा के थारी थेपडीया इ कण ह | भगत फुली बाई केयो के म्हारी थेपडीया  फोडस्यो  जद   राम -राम
करसी | लोग अचरज माय पड्ग्या |   थेपडीया फुटता ही राम-राम करे | सगळा न फुली बाई री
भगती रो परचो मलग्यो |
आ बात बठे री राणीया कण पूगी, बे फुली बाई रे कण जोधपुर आबा रो संदेसो खिणायो|
फुली बाई जोधपुर पधारी, जद राणीया बाणे केयो के म्हाणे ही कि परवचन सुनावो |
"गैणो-गाठो तन री सोभा , काया माटी रो हाण्डो |
बैठी काई करो ये , राम भजो ओ रांडो |"   
अत्तोक परवचन देर, फुली  बाई थो आपका पाछी गी अर थेपडीया थापबा माय रमगी |

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