"हिवडे री भोभर, काया ने बाळे" ओ गीत सुण्यो |
आ कत्ती साची बात कही कबि |
घणी ही बाता हिवडे ने रे-रे'र बाळे |
लाय तो पछ कम हुवे पण भोभर कदेइ राख कोण बने |
आपा इन भोभर रे सागे आखो जीवन काढ देवा |
कोई पिसा री भोभर सागे राखे थो कोई जुनी राड री |
कोई प्रीत री, तो कोई पद री |
इण भोभर रो काई तो इलाज होसी ?
घणी खम्मा !
ReplyDeleteआछो लिखयों है . जे आज मिनख आप रो मिनख पणों बिसराव तो जावे है , ठा नी क्यों ?
hokam aap agar kathin shabda ro arth bhi hande batau to badi karipa hoveli
ReplyDelete@Shekhar Kumawat
ReplyDeleteभोभर -- ताती राख (e.g. जीमे बाटी सेका)
राड -- conflict
लाय -- fire
जुनी -- old
bot hi aacho yagyeo thanre likhdiyoro
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